लेखक: प्रदीप सारण | कैटेगरी: ग्रीन होम
🔰 परिचय (Introduction)
आज के समय में घर को सुंदर बनाना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है पर्यावरण का ध्यान रखना। इको-फ्रेंडली होम डेकोर हमें यह मौका देता है कि हम अपने घर को स्टाइलिश बनाएं और साथ ही प्रकृति को नुकसान न पहुँचाएं। इस आर्टिकल में आप आसान और सस्ते ग्रीन डेकोर आइडिया जानेंगे।
आज के समय में अपने घर को सुंदर बनाने के साथ-साथ पर्यावरण का ख्याल रखना भी बहुत ज़रूरी हो गया है। इसी वजह से अब लोग तेजी से इको-फ्रेंडली डेकोर की ओर बढ़ रहे हैं। इको-फ्रेंडली डेकोर का मतलब है ऐसे सामान का इस्तेमाल करना, जो प्रकृति को नुकसान न पहुँचाए और लंबे समय तक चले।
इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में एक अच्छा कदम है। जब हम सही चीजें चुनते हैं, तो हम अनजाने में होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। यह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी भी है।
Baya Designs की CEO और फाउंडर शिबानी जैन के अनुसार,
“इको-फ्रेंडली घर बनाने का मतलब है अपने फैसलों के असर को समझना और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली चीजों को कम करना। आज के समय में यह एक पॉजिटिव ट्रेंड बन चुका है, क्योंकि लोग अब इको-फ्रेंडली डेकोर प्रोडक्ट्स की मांग ज़्यादा कर रहे हैं।”
आज बाजार में कई तरह के इको-फ्रेंडली होम डेकोर आइटम्स उपलब्ध हैं, जैसे – नेचुरल लकड़ी का फर्नीचर, हाथ से बनी चीजें, बांस या मिट्टी से बने सजावटी सामान और री-यूज़ किए गए मटेरियल से बनी सजावट। ये चीजें न सिर्फ घर को स्टाइलिश बनाती हैं, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखती हैं।
अगर आप चाहते हैं कि आपका घर सुंदर भी लगे और प्रकृति के लिए भी सही हो, तो इको-फ्रेंडली डेकोर एक बेहतरीन विकल्प है। यह आपके घर को एक ग्रीन, साफ और पॉजिटिव माहौल देता है और आने वाली पीढ़ी के लिए भी एक अच्छा संदेश छोड़ता है।
इको-फ्रेंडली होम डेकोर के आसान और सस्ते तरीके जानें। recycle, reuse, ग्रीन फर्नीचर और अप-साइक्लिंग से घर को सुंदर और पर्यावरण के लिए सुरक्षित कैसे बनाएं, पूरी जानकारी सरल हिंदी में।
इको-फ्रेंडली तरीकों से घर की सजावट कैसे करें

आज के समय में बहुत से लोग अपने घर को सुंदर बनाने के साथ-साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहते हैं। अच्छी बात यह है कि अब घर की सजावट के लिए कई ऐसे इको-फ्रेंडली तरीके मौजूद हैं, जो दिखने में भी खूबसूरत होते हैं और सेहत के लिए भी सुरक्षित होते हैं।
अगर आप दीवारों की सजावट की बात करें, तो वारली पेंटिंग एक बहुत अच्छा विकल्प है। यह पेंटिंग चावल के पाउडर और गोंद को मिलाकर बनाई जाती है। इसकी पृष्ठभूमि के लिए गोबर का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे दीवारों को एक प्राकृतिक और देसी लुक मिलता है।
आजकल इस्तेमाल होने वाले केमिकल पेंट सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। उनकी जगह लिपोनकम (Liponkam) जैसे प्राकृतिक पेंट का उपयोग किया जा सकता है। यह पूरी तरह नेचुरल होता है और घर के अंदर की हवा को भी साफ रखने में मदद करता है।
इसके अलावा, नदी की मिट्टी, शीशे का काम (मिरर वर्क) और ऊँट के गोबर से बनी सजावट भी घर को एक अलग और ट्रेडिशनल लुक देती है। ऐसे मटेरियल न सिर्फ सस्ते होते हैं, बल्कि लंबे समय तक टिकाऊ भी रहते हैं।
कुल मिलाकर, अगर आप अपने घर को सुंदर, सुरक्षित और प्रकृति के करीब रखना चाहते हैं, तो इको-फ्रेंडली होम डेकोर सबसे बेहतर विकल्प है। इससे आपका घर भी खास लगेगा और आप पर्यावरण को बचाने में भी अपना योगदान दे पाएँगे।
घर के फर्नीचर के लिए इको-फ्रेंडली और सस्ते विकल्प

आज के समय में लोग अपने घर के फर्नीचर में ऐसे सामान का इस्तेमाल करना चाहते हैं, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित, हल्का, और लंबे समय तक टिकने वाला हो। ऐसे में बाँस, गन्ना, नदी की घास और दूसरे प्राकृतिक सामान बहुत अच्छे विकल्प माने जाते हैं।
बाँस और गन्ने से बने मुरहा स्टूल आज भी गाँव और शहर दोनों जगह पसंद किए जाते हैं। ये न सिर्फ देखने में सुंदर होते हैं, बल्कि इन्हें बनाने से कारीगरों को रोज़गार भी मिलता है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता।
अगर आप पुराने फर्नीचर पर नया कपड़ा लगवा रहे हैं, तो कुदरती कपड़े जैसे कॉटन, सिल्क या बाँस से बने कपड़े चुनें। ये सेहत के लिए अच्छे होते हैं और ज़्यादा समय तक चलते हैं।
बाँस का इस्तेमाल घर में फर्नीचर के लिए करना सस्ता, मजबूत और पर्यावरण के लिए सही माना जाता है।
इसके अलावा, पुराने टूटे-फूटे घरों से निकली लकड़ी को फिर से इस्तेमाल करके दरवाज़े और खिड़कियों के फ्रेम बनाए जा सकते हैं। इससे नई लकड़ी की ज़रूरत भी कम होती है और पेड़ भी बचते हैं।
बेकार चीज़ों से काम की और सजावट की चीज़ें बनाना (अप-साइक्लिंग)

बेकार पड़ी चीज़ों को दोबारा इस्तेमाल करके नई और काम की चीज़ें बनाना अप-साइक्लिंग कहलाता है। आज पूरी दुनिया में यह तरीका बहुत तेजी से अपनाया जा रहा है।
दिल्ली की इको-फ्रेंडली डिजाइनर पारिणी गुप्ता बताती हैं कि
प्लास्टिक की बोतलों से टेबल लैंप बनाए जा सकते हैं, शराब की खाली बोतलों को सजावट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
पुराने कंप्यूटर कैबिनेट को कॉफी टेबल बनाया जा सकता है और पुराने मॉनिटर से बुक रैक बनाया जा सकता है।
इसी तरह, कबाड़ लोहे और कागज़ से टेबल-कुर्सी, निर्माण के कचरे से बेंच, और बेकार चीज़ों से छोटी सजावटी मूर्तियाँ भी बनाई जा सकती हैं। पारिणी गुप्ता और उनके पति विवेक प्रसाद ने इसी सोच के साथ Aranya Prithvicrafts की शुरुआत की।
आज ग्रीन होम डेकोर आसानी से मिल रहा है
पारिणी गुप्ता के अनुसार, आज सरकार और कई गैर-सरकारी संस्थाएं मिलकर ऐसे इको-फ्रेंडली और ग्रीन प्रोडक्ट्स को बाजार में आगे ला रही हैं। इसी वजह से अब लोगों के लिए ग्रीन होम डेकोर और इको-फ्रेंडली फर्नीचर आसानी से मिल रहा है।
अगर आप अपने घर को सुंदर बनाने के साथ-साथ पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहते हैं, तो इको-फ्रेंडली फर्नीचर और अप-साइक्लिंग से बने सामान एक बेहतरीन विकल्प हैं।
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🌿 घर को इको-फ्रेंडली तरीके से सजाने के आसान और असरदार टिप्स
आज के समय में घर को सुंदर बनाने के साथ-साथ पर्यावरण का ध्यान रखना भी बहुत ज़रूरी हो गया है। अगर हम सजावट में सही चीज़ों का चुनाव करें, तो न सिर्फ घर अच्छा दिखता है बल्कि प्रकृति को भी नुकसान नहीं होता। नीचे दिए गए इको-फ्रेंडली डेकोरेशन टिप्स अपनाकर आप अपने घर को सादा, सुंदर और सुरक्षित बना सकते हैं।
🚪 1. दरवाज़े पर इको-फ्रेंडली डोरमैट लगाएं
घर के बाहर नारियल के रेशे (कोयर) से बने डोरमैट का इस्तेमाल करें। ये पूरी तरह प्राकृतिक होते हैं और खराब होने के बाद मिट्टी में मिल जाते हैं।
इसके अलावा जूट से बने कालीन, बैग और चटाई भी अच्छा विकल्प हैं।
🧶 2. प्राकृतिक फाइबर के कालीन चुनें
घर में कालीन लगाते समय ऊन, कपास, जूट या रेशम से बने कालीन लें। ये दिखने में सुंदर होते हैं और सेहत के लिए भी सुरक्षित रहते हैं।
🪑 3. प्राकृतिक सामग्री से बना फर्नीचर लें
फर्नीचर के लिए बांस, केले के पेड़ की छाल, नदी की घास और जलकुंभी से बने फर्नीचर का इस्तेमाल करें। ये मजबूत होते हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते।
🛏️ 4. बिस्तर के लिए कॉटन का इस्तेमाल करें
बिस्तर, चादर और तकिए के कवर के लिए कॉटन और प्राकृतिक कपड़े चुनें। कोशिश करें कि उनमें केमिकल रंग न हों, बल्कि प्राकृतिक रंगों से रंगे हुए हों।
💧 5. मिट्टी और पत्थर के बर्तन अपनाएं
पानी पीने के लिए मिट्टी के बर्तन रखें, जिससे पानी ठंडा रहता है।
खाना बनाने और परोसने के लिए पत्थर या काले मिट्टी के बर्तन गैस पर इस्तेमाल करें।
🌱 6. पौधों के लिए मिट्टी के गमले लगाएं
पौधे उगाने के लिए प्लास्टिक के गमलों की जगह मिट्टी के गमले इस्तेमाल करें। ये पौधों के लिए अच्छे होते हैं और हवा-पानी का सही संतुलन रखते हैं।
🍽️ 7. टेबल मैट के लिए हाथ से बनी चटाई लें
टेबल पर खाने के लिए शीतल पट्टी और मधुर काठी जैसी हाथ से बुनी हुई चटाइयों का इस्तेमाल करें। ये सुंदर भी होती हैं और टिकाऊ भी।
🍴 8. प्लास्टिक के सामान की जगह लकड़ी और स्टील लें
रसोई में प्लास्टिक के चम्मच, डिब्बे और बर्तन हटाकर लकड़ी, स्टील और लोहे के सामान का उपयोग करें।
💡 9. घर में इको-फ्रेंडली लाइट का इस्तेमाल करें
घर की सजावट के लिए नारियल के रेशे और खोल से बने लैंप लगाएं।
साथ ही LED बल्ब का इस्तेमाल करें, जो कम बिजली खर्च करते हैं।
🪔 10. त्योहारों पर सुरक्षित दीये जलाएं
त्योहारों के समय तेल के दीये, रंगीन दीये और इलेक्ट्रिक दीये जलाएं। पेट्रोलियम से बनी मोमबत्तियाँ जल्दी जलती हैं और खतरा बढ़ाती हैं।
🧻 11. डिस्पोज़ेबल की जगह कपड़े के नैपकिन लें
घर में एक बार इस्तेमाल होने वाले नैपकिन की जगह हाथ से बने कपड़े के नैपकिन इस्तेमाल करें।
🖼️ 12. सजावट के लिए पेपर मेशे फ्रेम चुनें
तस्वीरों के लिए पेपर मेशे से बने फ्रेम लगाएं। ये हल्के, सुंदर और पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं।
♻️ Recycle और Reuse से घर सजाने के आसान और सस्ते तरीके
आज के समय में recycle और reuse सिर्फ पैसे बचाने का तरीका नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण को सुरक्षित रखने का भी एक बढ़िया तरीका है। घर में मौजूद पुरानी चीज़ों का सही इस्तेमाल करके आप अपने घर को सुंदर भी बना सकते हैं और बेकार सामान को दोबारा काम में भी ला सकते हैं।
🪡 पुरानी साड़ी और दुपट्टों से घर की सजावट
घर में रखी पुरानी साड़ियाँ और दुपट्टे, जिन पर कढ़ाई या ज़री का काम हो, उन्हें फेंकने की जरूरत नहीं है। इन्हीं से आप:
- सुंदर कुशन कवर बनवा सकते हैं
- टेबल कवर तैयार कर सकते हैं
इससे आपका घर भी नया लगेगा और खर्च भी कम होगा।
🧳 पुराने संदूक से स्टाइलिश सेंटर टेबल
अगर आपके घर में कोई पुराना संदूक रखा है, तो उसे बेकार न समझें। उस पर कोई चमकीला रंग करवा दीजिए और उसे ड्राइंग रूम में सेंटर टेबल की तरह इस्तेमाल कीजिए। यह आपके घर को अलग और खास लुक देगा।
🍾 कांच की बोतल और जार से सजावटी सामान
खाली कांच की बोतलें और जार भी घर सजाने में बहुत काम आ सकते हैं। इनसे आप:
- लाइट होल्डर बना सकते हैं
- फूल रखने के लिए फूलदान तैयार कर सकते हैं
- सुंदर लैंप शेड बना सकते हैं
थोड़ी सी मेहनत और थोड़ी सी सोच से पुरानी चीज़ें भी नई जैसी लगने लगती हैं।
✨ खास बात
Recycle और reuse से बने सामान न सिर्फ आपके घर को खूबसूरत बनाते हैं, बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान से बचाते हैं। ऐसे छोटे-छोटे कदम एक बड़े बदलाव की शुरुआत होते हैं।
✅ निष्कर्ष (Conclusion)
इको-फ्रेंडली डेकोर अपनाना आज की ज़रूरत है। इससे घर सुंदर दिखता है, खर्च भी कम होता है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता। recycle, reuse और प्राकृतिक सामान से सजावट करके हम अपने और आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य बना सकते हैं।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. इको-फ्रेंडली होम डेकोर क्या होता है?
इको-फ्रेंडली होम डेकोर में ऐसे सामान का इस्तेमाल किया जाता है जो प्रकृति को नुकसान न पहुंचाए। इसमें प्राकृतिक चीजें, recycle किया हुआ सामान और कम बिजली खर्च करने वाले प्रोडक्ट शामिल होते हैं।
2. क्या इको-फ्रेंडली डेकोर महंगा होता है?
नहीं, इको-फ्रेंडली डेकोर अक्सर सस्ता पड़ता है। इसमें पुरानी चीजों को दोबारा इस्तेमाल किया जाता है, जिससे नया सामान खरीदने की जरूरत कम हो जाती है और खर्च भी बचता है।
3. recycle और reuse से घर कैसे सजाएं?
पुरानी साड़ी से कुशन कवर, कांच की बोतल से फूलदान और पुराने संदूक से टेबल बनाई जा सकती है। थोड़ी सी मेहनत से बेकार चीजें सुंदर सजावट में बदल जाती हैं।
4. इको-फ्रेंडली फर्नीचर किससे बनता है?
इको-फ्रेंडली फर्नीचर बांस, गन्ना, नदी की घास, पुरानी लकड़ी और प्राकृतिक कपड़ों से बनता है। यह मजबूत होता है और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाता।
5. क्या इको-फ्रेंडली डेकोर सेहत के लिए अच्छा है?
हाँ, यह सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें केमिकल वाले पेंट और प्लास्टिक कम होते हैं, जिससे घर की हवा साफ रहती है और एलर्जी या सांस की समस्या कम होती है।
6. क्या ग्रीन होम डेकोर आज आसानी से मिल जाता है?
हाँ, आज बाजार में ग्रीन होम डेकोर आसानी से मिल जाता है। कई दुकानें और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इको-फ्रेंडली फर्नीचर और सजावटी सामान बेच रहे हैं।
7. इको-फ्रेंडली डेकोर अपनाने से क्या फायदा होता है?
इससे घर सुंदर, सुरक्षित और पॉजिटिव बनता है। बिजली और पानी की बचत होती है, खर्च कम होता है और हम पर्यावरण को बचाने में अपना छोटा लेकिन ज़रूरी योगदान देते हैं।
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