🔸 परिचय
किचन घर का सबसे अहम हिस्सा होता है क्योंकि यहीं से पूरे परिवार की ऊर्जा और स्वास्थ्य का संबंध जुड़ा होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर रसोई सही दिशा में बनाई जाए, तो घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। लेकिन अगर किचन गलत दिशा में हो, तो यह स्वास्थ्य, धन और मानसिक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। आइए जानते हैं — “Kitchen Kis Disha Main Hona Chahiye“ और इससे जुड़े सबसे ज़रूरी 15 सवालों के जवाब।
कैटेगरी: FAQs
लेखक: प्रदीप सारण
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किचन में सिंक किस दिशा में होना चाहिए?
Kitchen Kis Disha Main Hona Chahiye? 15 FAQs शुरू
🏠 प्रश्न 1: किचन किस दिशा में होना चाहिए?
वास्तु के अनुसार किचन के लिए आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) सबसे शुभ मानी जाती है। यह दिशा अग्नि देव की होती है और खाना पकाने से संबंधित कार्यों के लिए सबसे उपयुक्त होती है। अगर इस दिशा में किचन बने तो घर में ऊर्जा संतुलित रहती है और परिवार के सदस्य स्वस्थ व प्रसन्न रहते हैं।
🧭 प्रश्न 2: वास्तु के अनुसार रसोई घर बनाने की सबसे अच्छी दिशा कौन सी है?
रसोई बनाने की सर्वश्रेष्ठ दिशा दक्षिण-पूर्व (Agneya Kona) मानी गई है। यह अग्नि तत्व से संबंधित है, इसलिए खाना बनाने, गैस जलाने और ऊर्जा के प्रवाह के लिए यह दिशा आदर्श होती है। यदि दक्षिण-पूर्व दिशा उपलब्ध न हो, तो उत्तर-पश्चिम दिशा को दूसरा विकल्प माना जा सकता है।
⚠️ प्रश्न 3: अगर किचन गलत दिशा में हो, तो उसका क्या असर पड़ता है?

यदि किचन उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनता है, तो यह स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक नुकसान और पारिवारिक कलह का कारण बन सकता है। गलत दिशा की किचन से घर में अस्थिरता और तनाव की भावना भी बढ़ती है। ऐसे में कुछ वास्तु उपायों से इस दोष को दूर किया जा सकता है।
🕉️ प्रश्न 4: क्या उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में किचन होना शुभ है या अशुभ?
उत्तर-पूर्व दिशा जल तत्व से जुड़ी होती है, जबकि किचन अग्नि तत्व का प्रतीक है। इसलिए इस दिशा में किचन बनाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर की ऊर्जा असंतुलित होती है और परिवार में मानसिक तनाव या आर्थिक समस्या उत्पन्न हो सकती है।
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🧿 प्रश्न 5: किचन की दिशा बदलने के लिए क्या कोई वास्तु उपाय है?
अगर किचन गलत दिशा में है, तो उसे तुरंत बदलना जरूरी नहीं है। कुछ उपाय अपनाकर वास्तु दोष कम किया जा सकता है। जैसे – गैस स्टोव को आग्नेय कोण में रखना, उत्तर-पूर्व दिशा में पानी के स्रोत को सीमित करना, और लाल रंग का पर्दा या टाइल लगाना। इससे सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है।
🍳 प्रश्न 6: खाना बनाते समय मुख किस दिशा में होना चाहिए?

खाना बनाते समय मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार में स्वास्थ्य व समृद्धि बढ़ती है। पूर्व दिशा में मुख करके खाना बनाने से भोजन में सात्त्विकता और शुभता बनी रहती है।
🔥 प्रश्न 7: किचन में गैस स्टोव (चूल्हा) किस दिशा में रखना चाहिए?
गैस स्टोव हमेशा दक्षिण-पूर्व कोने में रखना शुभ होता है और खाना बनाते समय व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। यह स्थान अग्नि तत्व से संबंधित है, जिससे ऊर्जा का संतुलन बना रहता है और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
💧 प्रश्न 8: किचन में सिंक और नल किस दिशा में होने चाहिए?
सिंक और पानी से जुड़े कार्यों के लिए उत्तर-पूर्व दिशा सबसे उपयुक्त है। क्योंकि यह जल तत्व की दिशा है। ध्यान रखें कि सिंक और गैस स्टोव एक-दूसरे के पास न हों, क्योंकि अग्नि और जल तत्व का टकराव वास्तु दोष पैदा करता है।
🧊 प्रश्न 9: किचन में फ्रिज (रेफ्रिजरेटर) रखने की सही दिशा क्या है?

फ्रिज रखने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा सबसे उचित मानी जाती है। इससे स्थिरता और संतुलन बना रहता है। यदि यह दिशा संभव न हो, तो पश्चिम दिशा में भी फ्रिज रखा जा सकता है, लेकिन उत्तर-पूर्व दिशा में इसे रखने से बचें।
🌬️ प्रश्न 10: किचन में खिड़की और एग्जॉस्ट फैन किस दिशा में लगवाना चाहिए?
किचन की खिड़की और एग्जॉस्ट फैन हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा में होने चाहिए। इससे धुआं और नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है और रसोई में ताजगी बनी रहती है। प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन से रसोई हमेशा ऊर्जा से भरी रहती है।
🚱 प्रश्न 11: किचन में पानी की टंकी किस दिशा में नहीं होनी चाहिए?
पानी की टंकी कभी भी दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं रखनी चाहिए क्योंकि यह अग्नि तत्व की दिशा है। यहां जल तत्व रखने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जिससे आर्थिक नुकसान या स्वास्थ्य समस्या हो सकती है।
🎨 प्रश्न 12: किचन का रंग वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए?

वास्तु के अनुसार किचन में हल्का लाल, नारंगी, पीला या क्रीम रंग सबसे शुभ माना जाता है। ये रंग अग्नि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हैं। गहरे या काले रंग से बचना चाहिए क्योंकि ये नकारात्मकता बढ़ा सकते हैं।
🧱 प्रश्न 13: क्या दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) दिशा में किचन हो सकता है?
दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थिरता और भूमि तत्व से जुड़ी होती है, इसलिए इसमें किचन बनाना अनुचित माना गया है। इस दिशा में रसोई होने से परिवार में मतभेद और असंतुलन बढ़ सकता है। यदि ऐसा हो चुका है तो लाल टाइल्स या पर्दे से इसका दोष कम किया जा सकता है।
🙏 प्रश्न 14: वास्तु के अनुसार किचन में पूजा स्थान बनाना चाहिए या नहीं?
किचन में पूजा स्थान बनाना वास्तु के अनुसार उचित नहीं है। क्योंकि किचन अग्नि का स्थान है जबकि पूजा जल और शांति तत्व का प्रतीक है। पूजा स्थान घर के उत्तर-पूर्व कोने में होना चाहिए, जो आध्यात्मिकता और शुद्धता का केंद्र माना गया है।
🏢 प्रश्न 15: छोटे अपार्टमेंट (फ्लैट) में ओपन किचन के लिए क्या वास्तु नियम हैं?
छोटे फ्लैट्स में ओपन किचन का चलन बढ़ गया है। ऐसे में ध्यान रखें कि चूल्हा दक्षिण-पूर्व दिशा में हो, पानी की व्यवस्था उत्तर-पूर्व में और रसोई की सफाई व रोशनी पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा, किचन और लिविंग एरिया के बीच हल्का विभाजन या पर्दा रखना शुभ होता है।
🔚 निष्कर्ष
वास्तु के अनुसार “Kitchen Kis Disha Main Hona Chahiye” का सीधा उत्तर है — दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे शुभ है। यह दिशा ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। अगर किसी कारणवश आपकी रसोई गलत दिशा में है, तो वास्तु उपायों से दोष कम किया जा सकता है। सही दिशा में बना किचन घर की खुशहाली और सकारात्मकता को कई गुना बढ़ा देता है।


