कचरा प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) की शुरुआत घर से ही होनी चाहिए

कचरा प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) की शुरुआत घर से ही होनी चाहिए

परिचय

हाउसिंग सोसाइटी में कचरा प्रबंधन अब हर किसी के लिए जरूरी हो गया है। घर से ही कचरे को सही तरीके से अलग करना शुरू किया जाए, तो न सिर्फ हमारी सोसाइटी साफ-सुथरी रहेगी बल्कि पर्यावरण भी स्वस्थ रहेगा। इस आर्टिकल में हम आसान और असरदार तरीकों के बारे में बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप अपने घर और सोसाइटी में कचरा प्रबंधन कर सकते हैं।

कचरा प्रबंधन यानी वेस्ट मैनेजमेंट की सही शुरुआत घर से ही होती है। अगर हम अपने घर में कचरे को सही तरीके से अलग-अलग करना शुरू कर दें, तो शहर को साफ रखने में बहुत मदद मिल सकती है।

इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने एक अहम फैसला लिया है। अब मुंबई में बनने वाली सभी रिहायशी और व्यावसायिक सोसायटियों के लिए कचरा अलग-अलग करना जरूरी होगा। इसका मतलब है कि गीला कचरा और सूखा कचरा अलग रखना अनिवार्य किया जाएगा।

यह फैसला बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देशों और राज्य सरकार की सलाह के आधार पर लिया गया है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार इस प्रस्ताव को जल्दी मंजूरी दे सकती है, ताकि इसे जल्द से जल्द लागू किया जा सके।

इस नियम का मकसद शहर में बढ़ते कचरे की समस्या को कम करना है। जब कचरा घर से ही अलग किया जाएगा, तो उसे संभालना आसान होगा और गंदगी भी कम फैलेगी। साथ ही, इससे पर्यावरण को भी कम नुकसान होगा।

अगर हर परिवार और हर सोसायटी इस नियम को सही तरीके से अपनाए, तो हमारा शहर ज्यादा साफ, स्वस्थ और रहने लायक बन सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम सभी मिलकर कचरा प्रबंधन को अपनी रोज़मर्रा की आदत में शामिल करें।

हाउसिंग सोसाइटी में कचरा प्रबंधन कैसे करें? जानिए आसान तरीके, रीसाइक्लिंग टिप्स, बायो-कम्पोस्टिंग और साफ-सुथरी सोसाइटी के लिए जरूरी सुझाव। पर्यावरण बचाने के लिए घर से ही शुरुआत करें।


रियल वेस्ट मैनेजमेंट में RUR Green Life का योगदान

आज के समय में शहरों में कचरे की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में RUR (Reuse You Recycle) Green Life Pvt Ltd 2009 से स्थायी और पर्यावरण-मित्र समाधान पर काम कर रही है। यह कंपनी कचरे को कम करने, कंपोस्टिंग और ड्राई वेस्ट रीसायक्लिंग जैसे प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ स्कूल, ऑफिस, सोसायटी और आम लोगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाती है।

मोनीषा नारके, जो RUR Green Life की फाउंडर और CEO हैं, बताती हैं, “हमारे प्रयासों से मुंबई के कचरे में 80% तक कमी आई है। इससे शहर के तेजी से बढ़ते लैंडफिल्स पर बोझ कम हुआ है। हालांकि भारत में लोग कई तरीकों से रीसायक्लिंग करते हैं, फिर भी ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि हम कितना कचरा पैदा कर रहे हैं। यह कचरा अक्सर लैंडफिल्स में डाला जाता है या जलाया जाता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसें बढ़ती हैं।” मोनीषा नारके ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की है।

मोनीषा का मानना है कि सस्टेनेबल और डीसेंट्रलाइज्ड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए घर और ऑफिस में ‘तीन डिब्बों का तरीका’ (Three Bin Approach) अपनाना जरूरी है। इसमें कचरे को तीन हिस्सों में बांटा जाता है:

  1. गीला/बायोडिग्रेडेबल कचरा – जैसे खाना और सब्जियों का छिलका
  2. सूखा/रीसायक्लेबल कचरा – जैसे प्लास्टिक, कागज, बोतलें
  3. गैर-रीसायक्लेबल कचरा – जो दोबारा इस्तेमाल नहीं हो सकता

केवल कचरे को अलग-अलग करके ही इसे कीमती संसाधन में बदला जा सकता है, जिससे हमारा शहर साफ और हरा-भरा रह सके।

RUR Green Life जैसे संगठन यह दिखाते हैं कि अगर हम सही तरीके से कचरे का प्रबंधन करें, तो न सिर्फ पर्यावरण सुरक्षित रहेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक स्वच्छ और हरित भविष्य सुनिश्चित होगा।

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घर पर वेस्ट मैनेजमेंट के आसान टिप्स – मनीषा नर्के (RUR Green Life Pvt Ltd) से

कचरा प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) की शुरुआत घर से ही होनी चाहिए
कचरा प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) की शुरुआत घर से ही होनी चाहिए

घर में कचरे का सही तरीके से प्रबंधन करना अब बहुत जरूरी है। मनीषा नर्के, RUR Green Life Pvt Ltd की विशेषज्ञ, हमें कुछ आसान और असरदार तरीके बता रही हैं, जिन्हें अपनाकर हम कचरे को कम कर सकते हैं और पर्यावरण को बचा सकते हैं।

1. रोजाना कचरे का वजन नापें

सबसे पहले घर में रोजाना अपने कचरे का वजन मापें। इससे आपको यह पता चलेगा कि आप कितनी मात्रा में कचरा पैदा कर रहे हैं और उसे कम करने में कितना काम कर रहे हैं।

2. गैर-रीसाइक्लेबल चीज़ों से बचें

  • पतली प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल बंद करें।
  • हमेशा कपड़े की थैलियों का इस्तेमाल करें।
  • डिस्पोजेबल (फेंकने वाली) पानी की बोतलें न लें, हमेशा अपने साथ रीयूज़ेबल वाटर बोतल रखें।

3. सोच-समझकर शॉपिंग करें

  • खरीदारी की एक लिस्ट बनाएं और सिर्फ वही खरीदें जो आपको सच में चाहिए।
  • शैम्पू, डिटर्जेंट जैसे सामान बड़े पैक में खरीदें ताकि पैकेजिंग कचरा कम हो।

4. चीज़ों को दोबारा इस्तेमाल करें

  • कागज पर दोनों तरफ प्रिंट या लिखें।
  • रिफिलेबल इंक पेन का इस्तेमाल करें।
  • जितना हो सके सामान को दोबारा प्रयोग में लाएं।

5. रीसाइक्लिंग और कंपोस्टिंग

  • कचरे को अलग-अलग (सॉर्ट) करें।
  • रसोई और बागवानी के कचरे का बायो-कंपोस्टिंग करें।
  • प्लास्टिक, कागज, कांच आदि को अलग करके रीसायकल करवाएं।

इन आसान स्टेप्स को अपनाकर हम घर का कचरा कम कर सकते हैं और उसे एक संसाधन में बदल सकते हैं। छोटे-छोटे बदलाव भी पर्यावरण को बड़ा फायदा पहुंचा सकते हैं।


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बिन से बेंच तक: कचरे से बन रही बगीचों की बेंच

आजकल कचरा कम करने और पर्यावरण बचाने के लिए बहुत से नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। ऐसे ही एक अनोखे और शानदार प्रोजेक्ट का नाम है “बिन से बेंच” (Bin to Bench)

बिन से बेंच क्या है?

बिन से बेंच का उद्देश्य है Tetra Pak कार्टन को रिसाइक्लिंग करके गार्डन बेंच बनाना। यानी वह पैकेजिंग जो हम रोज़मर्रा में इस्तेमाल करते हैं और फेंक देते हैं, उसे फिर से काम में लाया जाता है।

कैसे बनती है बेंच?

  • सिर्फ 6,900 Tetra Pak कार्टन से एक बगीचे की बेंच तैयार होती है।
  • इसे बनाने में केवल दो हफ्ते का समय लगता है।
  • इस तरह न सिर्फ कचरा कम होता है, बल्कि एक उपयोगी और सुंदर बेंच भी बन जाती है।

कौन कर रहा है इसे संभव?

मुंबई में RUR (Reuse, Reduce) ने पिछले 6 सालों से इस प्रोजेक्ट को चला रखा है। RUR ने कई स्टोर्स जैसे सहकारी भंडार और रिलायंस फ्रेश के साथ मिलकर लोगों से इस्तेमाल किए हुए Tetra Pak कार्टन इकट्ठा करना शुरू किया।

रिकार्ड्स में भी नाम

इस प्रोजेक्ट को Limca Book of Records में भी शामिल किया गया है, इसे “Development in Recycling” के लिए मान्यता दी गई है।

क्यों है यह प्रोजेक्ट खास?

  1. कचरे की मात्रा कम करता है।
  2. पर्यावरण को बचाने में मदद करता है।
  3. लोगों को रिसाइक्लिंग के लिए प्रेरित करता है।
  4. गार्डन और पार्कों में सुंदर और टिकाऊ बेंच बनाता है।

निष्कर्ष:
“बिन से बेंच” एक ऐसी पहल है जो दिखाती है कि साधारण कचरे को भी उपयोगी और सुंदर चीज़ों में बदला जा सकता है। अगर हम सब मिलकर रिसाइक्लिंग को अपनाएं, तो हमारा शहर और पर्यावरण दोनों साफ और हरियाली भरे रहेंगे।


हाउसिंग सोसाइटी में वेस्ट मैनेजमेंट – एक आसान और असरदार तरीका

हाउसिंग सोसाइटी में कचरे का सही प्रबंधन बहुत जरूरी है। सही तरीके से कचरा संभालने से न केवल हमारी सोसाइटी साफ-सुथरी रहती है, बल्कि यह पर्यावरण को भी स्वस्थ बनाता है। मुंबई की हाउसिंग सोसाइटी अशोक टावर, परेल इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। यहां लगभग 570 परिवारों ने विशेषज्ञों की मदद से अपने कचरे को 100% अलग-अलग करने की पहल शुरू की।

कचरा अलग करने की आसान प्रक्रिया

सबसे पहले, हर घर से सूखा कचरा (Dry Waste) और गीला कचरा (Wet Waste) अलग किया जाता है। इसके बाद यह कचरा सात श्रेणियों में बांटा जाता है:

  • प्लास्टिक
  • धातु (Metal)
  • कागज (Paper)
  • इलेक्ट्रॉनिक कचरा (E-waste)
  • जैविक/सेंद्रिय कचरा (Organic)
  • कांच (Glass)
  • मिश्रित कचरा (Mixed Waste)

जैविक कचरा (Organic Waste) अलग कर 6 कम्पोस्ट ड्रम में डाला जाता है। यहां यह एरोबिक बायो-कम्पोस्टिंग के माध्यम से पोषक तत्वों से भरपूर कम्पोस्ट में बदल जाता है। इस कम्पोस्ट का इस्तेमाल पौधे लगाने और गार्डन को हरा-भरा बनाने में किया जाता है।

अन्य उपाय

  • इलेक्ट्रॉनिक कचरे और टेट्रा पैक के लिए अलग बिन रखे जाते हैं, जिन्हें बाद में रिसायकल किया जाता है।
  • सोसाइटी का सीवेज पानी भी ट्रीट करके गार्डन और फ्लश टैंक में इस्तेमाल किया जाता है।

जागरूकता और ट्रेनिंग

अशोक टावर की टीम ने वर्कशॉप भी आयोजित की, जिसमें निवासी और सेवक कचरा अलग करने की प्रक्रिया और महत्व को सीखें। पायल कालरा, मैनेजिंग कमिटी मेंबर कहती हैं,

“हमारे निवासी जागरूक हैं और सभी अपना योगदान दे रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे साफ हवा में सांस लें और स्वच्छ पर्यावरण मिले।”

हाउसिंग सोसाइटी के लिए सुझाव

विशेषज्ञ नार्के का कहना है कि हर सोसाइटी को कचरा प्रबंधन के लिए जगह निर्धारित करनी चाहिए। कचरे से बने कम्पोस्ट का इस्तेमाल करके आप रूफटॉप गार्डन या किचन गार्डन विकसित कर सकते हैं। इससे न केवल पर्यावरण हरा-भरा रहेगा, बल्कि सोसाइटी भी ज्यादा सुंदर और स्वच्छ दिखेगी।


निष्कर्ष

हाउसिंग सोसाइटी में कचरा सही तरीके से अलग करना न सिर्फ सफाई के लिए जरूरी है बल्कि पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। अगर हर सोसाइटी इसे अपनाए, तो हम एक साफ, हरा-भरा और स्वस्थ भारत की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। छोटे-छोटे बदलाव बड़ा फर्क ला सकते हैं।


अक्षर पूछे जाने वाले सवाल FAQs

1. कचरा प्रबंधन क्यों जरूरी है?

कचरा प्रबंधन हमारी सोसाइटी को साफ और स्वच्छ बनाए रखता है। इससे गंदगी कम होती है और पर्यावरण सुरक्षित रहता है।

2. घर में कचरा अलग करने की सबसे आसान तरीका क्या है?

सबसे आसान तरीका है तीन डिब्बों का उपयोग: गीला कचरा, सूखा रीसायक्लेबल कचरा और गैर-रीसायक्लेबल कचरा।

3. सूखा और गीला कचरा कैसे अलग करें?

सूखा कचरा में प्लास्टिक, कागज, धातु आता है और गीला कचरा खाने-पीने के बचे पदार्थ व सब्जियों के छिलके होते हैं।

4. कम्पोस्टिंग क्या है और यह कैसे मदद करता है?

कम्पोस्टिंग गीले कचरे को पोषक तत्वों वाले खाद में बदलने की प्रक्रिया है। यह पौधों और बागवानी में मदद करता है।

5. टेट्रा पैक और इलेक्ट्रॉनिक कचरे का क्या करें?

इनका अलग बिन में संग्रह करें और रिसायकलिंग के लिए स्थानीय केंद्रों में दें। इससे कचरा कम होता है और पर्यावरण सुरक्षित रहता है।

6. हाउसिंग सोसाइटी में वेस्ट मैनेजमेंट कैसे शुरू करें?

सोसाइटी में अलग-अलग बिन रखें, जागरूकता वर्कशॉप करें और सभी निवासियों को कचरा अलग करने की शिक्षा दें।

7. घर पर कचरा कम करने के आसान टिप्स क्या हैं?

पतली प्लास्टिक की थैलियों से बचें, रीयूज़ेबल वाटर बोतल का इस्तेमाल करें, चीज़ों को दोबारा उपयोग करें और खरीदारी सोच-समझकर करें।

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